खत्म हुआ चुनावी खेल और चल पड़ी जोड़-तोड़ की नई रेल । पहले आओ पहले पाओ का नारा दिया जा रहा है। कोई भोज के बहाने तो कोई गुप्त ठिकाने पर नेता प्रमुखों के साथ कोई खिचड़ी तो कोई मीठी खीर पका रहा है । भाई चुनाव था उल्टा सीधा बोलना पड़ा वैसे तो हम सब एक ही थाली के हैं । यह सुक्ति सुत्र बड़े कददावर नेताओं के हैं । एक सांसद की कीमत भी तय हो चुकी हैै बस अगर थोक के भाव लेना है तो कुछ कम में मामला बन सकता है।
हिंदी ब्लॉग की दुनिया में आपका तहेदिल से स्वागत है....
ReplyDeleteबहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
ReplyDeleteबहुत सुंदर.हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। मेरे ब्लोग पर भी आने की जहमत करें।
ReplyDeleteआपकी बात में दम है...........स्वागत है आपका
ReplyDeletewell done........
ReplyDeleteमान्यवर, हिंदी ब्लॉगिंग जगत में आपका स्वागत है. आशा है कि हिंदी में ब्लॉगिंग का आपका अनुभव रचनात्मकता से भरपूर हो.
ReplyDeleteकृपया मेरा प्रेरक कथाओं और संस्मरणों का ब्लौग देखें - http://hindizen.com
आपका, निशांत मिश्र
हुज़ूर आपका भी .......एहतिराम करता चलूं .....
ReplyDeleteइधर से गुज़रा था- सोचा- सलाम करता चलूं ऽऽऽऽऽऽऽऽ
कृपया एक अत्यंत-आवश्यक समसामयिक व्यंग्य को पूरा करने में मेरी मदद करें। मेरा पता है:-
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शुभकामनाओं सहित
संजय ग्रोवर