सुबह हुई
चाय की आवाज आई
मेम साब ने ली अंगड़ाई
अजी सुनते हो
उन्होने आवाज लगाई
मैने कहा क्या
कहा मेरा सर कब से जगी हूं
बिस्तर पर पड़ी हू
अभी तक तुमने चाय नहीं बनाई
मैंने चाय मेम साब को पकड़ानी चाही
कहा रख दो
टूथपेस्ट और टावल बाथरुम में रख दो
पुन एक बार उनकी चित्तकार सुनाई
अजी चाय या ज़हर बनाई है
इसमे ना दूध ना चीनी मिलाई है
तुम तो चाहते हो कि मैं मर जाऊं
यहां से चली जाऊं
नहीं नहीं जी मैं लगा मनाने
धीर-धीरे उनके सर को सहलाने
कहा सर को दबाईए
कई दिनों से नौकरानी नहीं आई
बैठ के बैठक में सर को दबाने लगा
बैठे-बैठे अपने आप पर पछताने लगा
क्यो कि शादी
जीवन एसे ही क्यो नहीं बिताई
थोड़ी देर में नहाकर बाहर निकलीं
बैठ कर टेबल पर कुछ ज़हर उगलीं
ये क्या है नाश्ता
इसको सिर्फ तू ही खा सकता
कुछ खाईं कुछ छोड़ गईं
जाते-जाते हमसे ये बोल गईं
बाथरुम में कुछ कपड़े हैं
उनको तुम धुल लेना
पर्दे और बेडसीट को भी मल लेना
जब हो रही कपड़े की धुलाई
मन में आ रही मुझे रुलाई
पर मन ही मन सांत्वना दे रहा
ये सब अपने बीबी के लिए ही तो कर रहा
इतने में घड़ी ने चार का घंटा बजाया
जाकर स्कूल बच्चों को ले आया
बच्चों ने आते ही नाक में दम कर दी
चाउमीन बनाने की जिद भर दी
मैनें भी जोश में आकर फटकार लगाई
पर बच्चों ने भी वही बात दूहराई
आने दिजिए मम्मी को डांट पड़वाउंगा
कान पकड़ उठ बैठ आप से करवाउंगा
मम्मी का नाम सुन मेरे होश उड़ गए
हारकर चाउमीन बनाकर खिलाया
बच्चों को रिश्वत दे उनको मनाया
इतने में मेमसाब आ धमकी
आते ही बिजली की तरह कड़कीं
घर के सारे बर्तन वैसे पड़े हैं
बिस्तर भी सुबह से उजड़े पड़े हैं
मैंने कहा अभी ठीक करता हूं
कहा पानी पिलाईए
कुछ गरमा गरम तल कर खिलाईए
पहुंचा रसोई घर
याद कर बीबी का कहर
पर इतने पर भी मुझे
अपने बीबी पर गुमान है
उन पर अभिमान है
उनके मार में अजीब है कसीस
डांटती नहीं वो देती असीस
दुनिया वालों
मेरी तरह बीबी की सेवा कर लो
बीबी से असली प्यार
अभी से शुरु कर लो
पाकर एसी बीबी को
तू धन्य हो जाएगा
तू ही अकेला पत्नीब्रत कहलाएगा
पत्नीब्रत कहलाएगा
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