
हालिया राहुल गांधी का बयान कि ‘राजनीतिक ढांचे में घुन लग गया है और हमें इसे बदलना होगा एसा प्रतीत होता है कि गंदगी के महासागर में खड़े होकर और उसको साफ़ करने की बातबात कर रहे हैं राहुल ... राहुल गांधी एक चतुर और पेशेवर राजनीतिज्ञ की तरह अब बयान बाजी करने लगे हैं..जिस राजनैतिक व्यवस्था को बदलने की बात राहुल गांधी कर रहे है वास्तव में सबसे ज्यादा उनके पार्टी के लोगों ने राजनीति को काफी गंदा कर रखा है.... राहुल गाधी को इस देश के गरीब की सबसे ज्यादा चिंता है इसी लिए तो वो गरीबों के घर रातें गुजारते हैं लेकिन सिर्फ मीडिया को मैनेज करके शोहतरत का ढिंढोरा पिटने के लिए.... वास्तव में राहुल गांधी की सोच अपना राजनैतिक उल्लू सीधा करना है वो भी इस देश की जनता को भावनात्मक रुप से बहलाकर ..मेरा मानना है कि इसमे राहुल गाधी कम जनता ज्यादा जिम्मेदार है ..जनता को जो पसंद वही किरदार तो अदा कर रहे है राहुल गाधी फिर राहुल को ज्यादा दोषी नहीं ठहराया जा सकता है..जनता को महगाई से ज्यादा सम्प्रदायिकता की चिंता है..इसी लिए तो वो भूखे पेट सोना पसंद करती है लेकिन वो सांम्प्रदायिकता से कोसो दूर रहना चाहती है सही भी देश मे अमन और चैन बरकरार रखने की कोशिश तो जनता हमेशा ही करती है लेकिन ये राजनैतिक दलों के चुंगल से नहीं आजाद हो पाती हैं..एसे में राजनैतिक दल हमेशा से जनता को अपने उंगली पर नचाते आ रहे है...वर्तमान मे राहुल गांधी इस फन के सबसे माहिर खिलाड़ी साबित हो रहे हैं और जनता को अपने इशारों पर नचाने में काफी महारत भी हासिल कर ली है..हो भी ना क्यों उनकी रगो में भी तो राजनीति को पूरोधाओं का खून जो दौड़ रहा है एसे में राहुल को विशेषज्ञता मिलना स्वाभाविक है..लेकिन एक बात तो तय है कि राहुल का जादू सिर्फ तथाकथित युवा जो शहरों में कित्रिम खाद पानी से तैयार होते हैं उनके लिए ग्लैमर ही सब कुछ है वो शाहरुख और राहुल को एक ही चश्मे से देखते हैं..राहुल गांधी की राजनैतिक सोच उनके लिए मायने नहीं रखती है..बल्कि उनका बैचलर होना और ग्लैमरस लूक ही उनको भाता है ..और कांग्रेस को लगता है कि राहुल गांधी के पीछे इस देश की आधी आबादी दिवानी है..शायद वो उनकी भूल है..धीरे-घीरे अब राहुल का यूपी-बिहार आदि राज्यों में चमक फीकी पड़ती जा रही है ..माना जाता है कि यूपी औऱ बिहार राजनीति की पाठशाला है मुझे भी इस कहावत में काफी दम नजर आता है..जहां पर बच्चे जन्म से राजनीति का ककहरा सीखते हैं वहां पर ग्लैमर के भरोसे लोगों को अपने जाल में फसाना आसान नहीं होगा...राहुल को अगर वास्तव में राजनैतिक गंदगी साफ़ करने का बीड़ा उठाया है तो पहले इसकी शुरुआत अपने घर से करें
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