Tuesday, January 25, 2011
तलवार पर वार
राजेश तलवार पर किया गया हमला वास्तव मे राजेश तलवार पर हमला नहीं है बल्कि भारत की न्याय व्यवस्था पर हमला है जांच एजेंसियों पर हमला है .वर्तमान व्यस्था से आक्रोशित एक युवक उसे ही उस नृसंश हत्या का आरोपी मान लेता है जिसकी बेटी आरुषी थी. शक की सुई जरुर राजेश तलवार के इर्द गिर्द घुम रही है लेकिन किसी भी जांच एजेंसी ने तलवार को दोषी नहीं ठहराया है एसे में अविश्वास की कोख से आक्रोश का जन्म होता है और बहुत ही भयानक शक्ल अख्तियार करता है.. हमला करने वाला युवक मानसिक रोगी है लेकिन कहीं न कही से वह राजेश तलवार को आरुषि का हत्यारा मान चुका था जिसकी परिणिति तलवार पर जानलेवा हमले के शक्ल मे सामने आया.. लगता है मानसिक रोगी उत्सव ने शाहंशाह फिल्म से प्रेरणा ली है ..इससे पहले वह रुचिका मामले के आरोपी एपीएस राठौर पर भी हमला कर चुका है ..एपीएस राठौर ने तो उत्सव के खिलाफ कोई एफाईआर नहीं कराई एसे में उत्सव को बहुत जल्द ही जमानत मिल गई ..शायद इसी के चलते उसे शह मिलती गई और वो खुद को न्याय देवता मान बैठा ..गौरतलब है कि उत्सव ललित कला में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से गोल्डमेडलिस्ट छात्र रहा है ...जो हाथ कुची और रंगो से भरे हुए थे आज व्यवस्था की चोट ने उन हाथों में खंजर थमा दिया है ..ये एक विडंम्बना ही है कि उसने जिन लोगों पर हमला किया कहीं न कही से वो कानून के घेरे में रहे हैं लेकिन कानून की गिरफ्त से काफी दूर..अब सवाल उठता है कि क्या किया उत्सव को केवल एक मानसिक रोगी मानकर उसे मानसिक चिकित्सालय में इलाज के लिए भेज दिया जाए या फिर जेल की सलाखों के पीछे..ये काम भी उन्ही संस्थाओं को करना है जो पहले से ही सवालों के घेरे में है ..
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